हरियाणा कांग्रेस में इस्तीफों का दौर जारी; दिग्गज नेता राजेश जून ने पार्टी से दिया इस्तीफा, कहा- मुझे यूज करके फेंका गया है, टिकट नहीं दी
Haryana Congress Rajesh Joon Resigns Bahadurgarh Assembly Seat
Rajesh Joon Congress Resigns: हरियाणा में जहां एक तरफ विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी रणनीति बनाई जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ उम्मीदवारों की घोषणा करने के बाद पार्टियों को अपने बागी नेताओं की सिरदर्दी भी झेलनी पड़ रही है। जहां बीजेपी से बागी नेताओं के इस्तीफ़ों का सिलसिला जारी है तो वहीं कांग्रेस में भी इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस से अबतक कई इस्तीफे सामने आ चुके हैं और इसी कड़ी में एक इस्तीफा बहादुरगढ से दिग्गज नेता राजेश जून का भी है। बहादुरगढ विधानसभा सीट से टिकट न मिलने पर राजेश जून ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है और समर्थकों के साथ रजामंदी करके निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
राजेश जून ने कहा- मुझे यूज करके फेंका गया, टिकट नहीं दी
बता दें कि, कांग्रेस ने बीते कल हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर 32 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी। जिसके बाद कांग्रेस के खेमे में बगावत की स्थिति पैदा हो गई। टिकट की उम्मीद लगाए बैठे कई नेता टिकट न मिलने से नाराज हो गए और इस्तीफा देने लगे। वहीं इस्तीफा देते हुए राजेश जून ने कहा कि, कांग्रेस ने मुझे धोखा दिया है। मुझे टिकट देने का वादा किया गया था, लेकिन टिकट नहीं मिला। राजेश जून ने कहा कि, मुझे यूज करके फेंका गया। मेरी हालत यूज एंड थ्रो वाली की गई।
ऐसा चुनाव लड़ूँगा, पूरी हरियाणा में जिक्र होगा
टिकट न मिलने के बाद राजेश जून ने अपने समर्थकों के साथ सभा की है। जिसमें उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की इजाजत मांगी। राजेश जून ने समर्थकों से कहा कि, मैं तभी चुनाव लड़ूँगा, जब समर्थक मुझे पूरी तरह से इजाजत देंगे और तन-मन-धन से मेरी 24 घंटे मदद करेंगे। राजेश जून ने मैं अब बहादुरगढ से ऐसा चुनाव लड़ूँगा कि जिसका जिक्र पूरी हरियाणा में होगा। कांग्रेस के प्रत्याशी से दोगुना ज्यादा वोट हासिल करूंगा। बता दें कि, कांग्रेस ने बहादुरगढ विधानसभा सीट से राजेन्द्र जून को टिकट दी है।
पहले भी की थी बगावत
इससे पहले 2019 के विधानसभा चुनाव में भी राजेन्द्र जून को टिकट मिलने के बाद राजेश काफी नाराज थे। उस दौरान भी उन्होंने बहादुरगढ़ सीट से पर्चा दाखिल कर दिया था। हालांकि तब भूपिंदर सिंह हुड्डा ने बीच में दखल दिया और राजेश ने चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया था। मगर इस बार उन्होंने पार्टी छोड़कर अकेले चुनाव लड़ने का फाइनल फैसला कर लिया है।